गाजियाबाद । जिला जज के खिलाफ़ चल रही वकीलों की हड़ताल के 38वें दिन एक सख्त रुख अपनाते हुए साथ न देने पर जिले के बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के अपने चार भाजपा विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है जिसमें दो मंत्री भी शामिल हैँ। बार एसोसिएशन की तरफ से जिनकी सदस्यता रद्द की गई है उनमें मंत्री सुनील शर्मा, राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप, लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर और मुरादनगर विधायक अजील पाल त्यागी शामिल हैं। बार एसोसिएशन के फैसले में कहा गया है कि इन जनप्रतिनिधियों ने बार एसोसिएशन के नोटिस के बाद भी वकीलों हड़ताल को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया था इसलिए ये एक्शन लिया गया है ।
ये है पूरा मामला
बता दें कि जमीन से जुड़े एक मामले में जमानत को लेकर 29 अक्टूबर को वकीलों और जिला जज के बीच कोर्ट रूम में बहस हो गई थी। विवाद बढ़ता देखकर बड़ी संख्या में वकील जिला जज की अदालत में पहुंच गए और हंगामा किया। इस पर पुलिस ने कथित तौर पर वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसमें कई वकील घायल हो गए थे। इसके बाद वकीलों ने अदालत में मौजूद पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की थी। इस पर अदालत की ओर से वकीलों पर मुकदमे दर्ज कराए गए। इसी दिन से वकीलों ने कचहरी में काम बंद किया हुआ है। गुरुवार को धरनास्थल पर जनप्रतिनिधियों के रुख को लेकर रोष जाहिर किया गया।पिछले दिनों बार एसोसिएशन की ओर से जनप्रतिनिधि वकीलों को नोटिस जारी करते हुए हड़ताल पर रुख स्पष्ट करने को कहा गया था। गुरुवार तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने वकीलों की चल रही हड़ताल के प्रति अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो न सिर्फ उनकी सदस्यता रद्द कर दी बल्कि उनका मताधिकार भी छीन लिया गया है ।
बार एसोसिएशन के सचिव अमित नेहरा
इस बारे में बार एसोसिएशन के सचिव अमित नेहरा ने बताया कि इन दिनों आंदोलन को 56 वकीलों की समिति संचालित कर रही है। गुरुवार को समिति की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से मंत्री सुनील शर्मा, राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप, मुरादनगर विधायक अजील पाल त्यागी और लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर की बार एसोसिएशन की स्थायी सदस्यता रद्द करने का फैसला लिया गया। इतना ही नहीं इन चारों को हर साल बार एसोसिएशन के चुनाव में मताधिकार से भी वंचित कर करने का फैसला लिया गया है ।
