Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एक साल से भी कम का समय बचा है,लेकिन राज्य में राजनीतिक गतिविधियां पहले से भी तेज हो चुकी हैं.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी दलों के बीच सियासी गहमागमी बढ़ती जा रही है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने के लिए ‘प्रगति यात्रा’ की शुरुआत की है. इस यात्रा के माध्यम से वह राज्य के विकास कार्यों का श्रेय खुद को देने की कोशिश कर रहे है.इसके साथ ही, यह यात्रा उनकी पार्टी जेडीयू की सियासी रणनीति का भी अहम हिस्सा माना जा रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज, 23 दिसंबर से अपनी यात्रा ‘प्रगति यात्रा’ की शुरुआत करेंगे.यह यात्रा पश्चिमी चंपारण (बेतिया) से शुरू होगी, जहां मुख्यमंत्री न केवल विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे, बल्कि जीविका दीदियों से भी संवाद करेंगे.पहले इस यात्रा का नाम ‘महिला जन संवाद यात्रा’ रखा गया था, लेकिन अब इसे ‘प्रगति यात्रा’ के नाम से शुरू किया गया है. यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में विकास कार्यों को प्राथमिकता देना और मुख्यमंत्री के विचारों को जनता तक पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह यात्रा राज्य के विकास और योजनाओं का आकलन करेगी. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे, साथ ही,यह जानने की कोशिश करेंगे कि जीविका दीदियों के माध्यम से महिलाएं समाज और अर्थव्यवस्था में किस तरह योगदान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि यह यात्रा जनता से सीधे संवाद करने का एक महत्वपूर्ण मौका है, ताकि राज्य की योजनाओं का बेहतर तरीके से अमल हो सके और राज्य के विकास में तेजी लाई जा सके।
मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य के विकास के लिए जनता से संवाद जरूरी है, और इस यात्रा के जरिए उन्हें लोकल समस्याओं और विकास कार्यों का सीधा फीडबैक मिलेगा।
यात्रा के पड़ाव:
23 दिसंबर: यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण (बेतिया) से होगी। मुख्यमंत्री यहां विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और जीविका दीदियों से संवाद करेंगे.
24 दिसंबर: यात्रा का अगला चरण पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में होगा, जहां मुख्यमंत्री स्थानीय विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे.
26 दिसंबर: शिवहर में यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करेंगे और स्थानीय जनता से संवाद करेंगे.
विपक्षी दलों ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस यात्रा को लेकर कहा कि यह नीतिश सरकार की “अलविदा यात्रा” है और यह राज्य में उनके शासन को खत्म होने का प्रतीक है.तेजस्वी यादव के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि बिहार की राजनीतिक में सत्ता और विपक्ष के बीच जुबनी जंग तेज हो गई है।
