उत्तर प्रदेश के मेरठ में आयोजित एक कवि सम्मेलन के दौरान प्रख्यात कवि कुमार विश्वास द्वारा दिए गए एक बयान ने विवाद को जन्म दे दिया। सम्मेलन के दौरान कुमार विश्वास ने अपने व्यंग्यात्मक अंदाज में राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर टिप्पणी की। हालांकि, उनकी एक टिप्पणी ने खासतौर पर राजनीतिक गलियारों में हंगामा खड़ा कर दिया।
कुमार विश्वास ने अपने बयान में कहा कि “देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो जनता की भावनाओं को समझने के बजाय केवल अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं,, इसी के साथ शत्रुघन सिन्हा के ऊपर तंज कसा कि घर का नाम रामायण और घर की लक्ष्मी कोई और ले गया, उनके इस बयान के बाद उनके राजनीतिक इरादों और संदर्भों पर सवाल खड़े किए जाने लगे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और कई लोगों ने इसे राजनीतिक दलों पर निशाना साधने की कोशिश बताया।
सुप्रिया नेत ने किया पलटवार
इस पर कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “कुमार विश्वास जैसे कवियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि मंच पर उनकी भूमिका सिर्फ मनोरंजन तक सीमित है। उन्हें राजनीति पर टिप्पणी करने से पहले अपने शब्दों की गंभीरता समझनी चाहिए। जनता सब देख रही है और उनकी जिम्मेदारी है कि वे समाज को जोड़ने का काम करें, न कि लोगों को भड़काने का।”
सुप्रिया श्रीनेत के इस बयान के बाद विवाद और गहरा गया। सोशल मीडिया पर जहां एक ओर कुमार विश्वास के समर्थक उनके बयान को साहसी और सटीक बताते हुए उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, विरोधियों का कहना है कि कुमार विश्वास ने मंच का दुरुपयोग किया।हालांकि, कुमार विश्वास ने अब तक इस पूरे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह पहली बार नहीं है जब कुमार विश्वास की टिप्पणियों ने विवाद पैदा किया हो। उनकी व्यंग्यात्मक शैली और बेबाक बयानबाजी के लिए वे पहले भी कई बार सुर्खियों में आ चुके हैं।
