मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें सिंचाई के लिए रातभर जागने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि सरकार ने दिन में बिजली उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 26 दिसंबर 2024 को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में इस अहम फैसले पर मुहर लगाई गई। इस योजना के तहत, प्रदेश के 11 केवी फीडर्स को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा, जिससे किसानों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा मिलेगी।
पीएम-कुसुम योजना से किसानों को मिलेगा लाभ
मध्यप्रदेश में किसानों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के तहत सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा इस योजना के तहत सोलर संयंत्र स्थापना के लिए 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की सहायता राशि प्रदान की जाती है। योजना के अंतर्गत राज्य के पृथक कृषि फीडर्स पर स्थापित पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। इससे किसानों को दिन में बिजली मिलने के साथ ही बिजली कटौती और ओवरलोडिंग की समस्याओं से राहत मिलेगी।
मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024
मध्यप्रदेश सरकार ने जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण को सरल और आधुनिक बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। “मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024” के तहत प्रमाण-पत्रों का डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, रजिस्ट्रीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार किया जाएगा। नियमों में दत्तक, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेसी से जन्मे बच्चों और एकल या अविवाहित माता से बच्चों के रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया को भी सुगम बनाया गया है। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसुविधा में बड़ा सुधार होगा।
जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023
जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के तहत 2023 के प्रारंभ या उसके पश्चात् जन्म लेने वाले व्यक्तियों के जन्म की तारीख और स्थान प्रमाणित करने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। किसी आपदा या महामारी के दौरान त्वरित रजिस्ट्रीकरण और प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए विशेष उप-रजिस्ट्रार की नियुक्ति का प्रावधान है। इसके अलावा, जन्म या मृत्यु की सूचना 30 दिन के पश्चात् लेकिन एक वर्ष के भीतर विलंबित होने पर शपथ-पत्र के स्थान पर स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेज को मान्य किया जाएगा। यह अधिनियम प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाकर नागरिकों के लिए सहूलियत सुनिश्चित करता है।
आयुष विभाग में वेतन वृद्धि की सैद्धांतिक सहमति
मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने आयुष विभाग के तहत संचालित 9 शासकीय और स्वशासी आयुर्वेद/यूनानी/होम्योपैथी महाविद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षु (इंटर्नशिप) और स्नातकोत्तर अध्येताओं की शिष्यवृत्ति के साथ-साथ गृह चिकित्सकों के समेकित वेतन में वृद्धि को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से जोड़ने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है। इस निर्णय से आयुष क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों और छात्रों को आर्थिक लाभ मिलेगा और उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।
( केके सिंह, मध्य प्रदेश ब्यूरो)
