बिलासपुर:आधुनिक जीवनशैली के चलते साइबर ठगी की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे समाज के हर वर्ग में चिंता का माहौल है। गृह मंत्रालय द्वारा टेलीफोन कॉल्स पर सतर्कता के संदेश भी जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने में सफल हो रहे हैं।
साइबर सुरक्षा में जागरूकता की भूमिका
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर अपराधी अब हमारी व्यक्तिगत आदतों और गोपनीय जानकारी तक आसानी से पहुंच बना सकते हैं। वे हमारी ऑनलाइन गतिविधियों का विश्लेषण करके नए तरीके से धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसे में सावधानी और सतर्कता हमारे सबसे मजबूत सुरक्षा कवच बन जाते हैं। यदि हम सही समय पर सटीक निर्णय लें और साइबर खतरों के प्रति जागरूक रहें, तो हम इन अपराधियों के जाल से सुरक्षित रह सकते हैं।
साइबर ठगी के नए तरीके और उनसे बचाव
साइबर अपराधी अब नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। फर्जी ईमेल और कॉल्स के जरिए वे बैंक या सरकारी विभागों का नाम लेकर लोगों को डराते हैं और त्रुटियाँ सुधारने के नाम पर पैसे मांगते हैं। अनजान नंबर से आए फोन या ईमेल पर ओटीपी और लिंक साझा करना भी एक बड़ी गलती हो सकती है। इसके अलावा, आपात स्थितियों का बहाना बनाकर स्वजनों के एक्सीडेंट या बीमारियों की झूठी सूचना देकर मदद के नाम पर पैसे ऐंठने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। कोरियर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं, जहां कस्टम जब्ती और कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे मांगे जाते हैं। फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाकर दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम से भी आर्थिक मदद की मांग की जाती है। इन सब खतरों से बचने के लिए सतर्कता और सही जानकारी सबसे जरूरी है।
