Starlink ने मानी भारत सरकार की सभी शर्तें, भारतीय डेटा अब देश में ही रहेगा
10 अगस्त 2025 — भारत में एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा Starlink के लॉन्च की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, Starlink ने भारतीय ग्राहकों के डेटा को लेकर सभी सुरक्षा मानकों और नियमों को मान लिया है। कंपनी अब भारतीयों का डेटा देश के बाहर किसी सर्वर पर नहीं भेजेगी, जिससे यूजर्स की प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर बड़ी राहत मिली है।
डेटा सुरक्षा पर बड़ी सहमति
एलन मस्क ने भारत सरकार के साथ हुए समझौते के तहत यह वादा किया है कि:
- भारतीय यूजर्स का डेटा भारत में ही स्टोर होगा।
- कोई भी डेटा या ट्रैफिक देश के बाहर मौजूद सर्वर या गेटवे से होकर नहीं गुजरेगा।
- किसी भी प्रकार की डेटा कॉपीिंग या डिक्रिप्शन देश के बाहर नहीं की जा सकेगी।
संसद में यह जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने साझा की। उन्होंने यह भी बताया कि Starlink के Earth Station Gateways भारत में ही स्थापित किए जाएंगे, जिससे पूरा इंटरनेट ट्रैफिक घरेलू नेटवर्क के भीतर ही सीमित रहेगा।
एलन मस्क को मिला यूनिफाइड लाइसेंस
एलन मस्क को भारत में अपनी सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक Unified License (UL) मिल चुका है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी ने सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों को स्वीकार किया है — जिसमें प्रमुख फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर डेटा प्रोटेक्शन पर था।
सरकार की यह सख्ती इसलिए भी अहम है क्योंकि डेटा चोरी, सर्विलांस और साइबर जासूसी जैसे मुद्दे वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बने हुए हैं। ऐसे में, भारत सरकार ने किसी भी प्रकार के समझौते से पहले Starlink को स्पष्ट कर दिया था कि भारतीय उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कीमतों को लेकर सस्पेंस बरकरार
जहाँ सेवा शुरू होने की घोषणा को लेकर उत्सुकता है, वहीं Starlink की कीमतों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। न तो कंपनी और न ही सरकार की ओर से कोई आधिकारिक दरें घोषित की गई हैं।
कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, मासिक शुल्क ₹810 से शुरू हो सकता है, लेकिन एलन मस्क की Internet Kit की कीमत ही ₹30,000 से ₹40,000 के बीच हो सकती है — जो अधिकांश भारतीय ग्राहकों के लिए बड़ी लागत साबित हो सकती है।
कहा जा रहा है कि सरकार इस पर सब्सिडी देने पर विचार कर सकती है, लेकिन जब तक इसकी पुष्टि नहीं होती, तब तक यह सेवा केवल सीमित वर्ग तक ही पहुंच सकती है।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य
Starlink के आने से भारत के दूरदराज़ और नेटवर्क-वंचित क्षेत्रों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने की दिशा में बड़ी क्रांति संभव है। खासकर गाँवों, पहाड़ी इलाकों, और सीमावर्ती क्षेत्रों में जहाँ फाइबर नेटवर्क पहुंचना मुश्किल है, वहां यह सेवा गेमचेंजर साबित हो सकती है।
निष्कर्ष
एलन मस्क की Starlink ने भारत सरकार की सभी सुरक्षा शर्तें मानकर यह साबित कर दिया है कि भारतीय यूजर्स की डेटा प्राइवेसी किसी भी विदेशी कंपनी के लिए अहम मुद्दा है। अब इंतजार सिर्फ सेवा की औपचारिक शुरुआत और कीमतों के खुलासे का है।
