उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच पिछले सोमवार को राजधानी के एक होटल में बीजेपी के करीब 40 क्षत्रिय विधायकों के जुटान ने सियासी माहौल को गरमा दिया है. सत्र के पहले दिन, यानी सोमवार को हुई इस बैठक में सपा के कुछ बागी विधायकों की मौजूदगी की भी चर्चा जोरों पर है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. क्षत्रिय विधायकों के इस मुलाक़ात को वैसे तो ‘कुटुंब परिवार’ का नाम दिया गया, लेकिन इसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में करीब 40 विधायक और एमएलसी शामिल हुए, जो ज्यादातर क्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. लखनऊ होटल क्लार्क अवध में हुई इस अनौपचारिक मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ का मानना है कि यह बैठक पार्टी के भीतर संगठनात्मक मसलों या भावी रणनीति को लेकर हुई, जबकि अन्य इसे सामुदायिक एकजुटता का प्रयास बता रहे हैं. इस दौरान सपा के कुछ बागी विधायकों की मौजूदगी ने इस मुलाकात को और सनसनीखेज बना दिया है. दरअसल कहा जा रहा है कि एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया है, जिसे कुटुंब परिवार का नाम दिया गया है. इस ग्रुप में बीजेपी सपा और बसपा के ठाकुर नेता शामिल है. कहा जा रहा है कि यह ठाकुर नेताओं की एकजुट करने की कवायद भी हो सकती है.

सियासी तापमान
मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी, सरकार पर हमलावर रही है. ऐसे में इस बैठक ने विपक्ष को नया मुद्दा दे दिया है. सपा नेताओं ने इसे सरकार की कमजोरी और पार्टी के भीतर असंतोष का संकेत बताया है. दूसरी ओर, भाजपा ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने इसे सामान्य मुलाकात करार दिया और कहा कि यह कुटुंब परिवार की मुलाक़ात थी. कुछ ने कहा कि कुंदरकी विधायक ठाकुर रामवीर सिंह की जीत की पार्टी थी.
विधायकों की मौजूदगी ने इस घटना को और रोचक बना दिया है. हाल के दिनों में सपा के कई विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर रुख अपनाया है, जिससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इस बैठक में उनकी भागीदारी को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वे भाजपा के साथ किसी संभावित गठजोड़ की कोशिश में हो सकते हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
