उत्तर प्रदेश विधानसभा में फतेहपुर मंदिर-मकबरा विवाद का मुद्दा गूंजा। इस विवाद को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हो रहा है। वहीं मामले में अबतक 10 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंदिर और मकबरे को लेकर बवाल मचा हुआ है। बीते दिन सदर कोतवाली के अबूनगर इलाके में मौजूद मकबरे को ठाकुर जी और शिव का मंदिर बताकर कथित तौर पर तोड़ने पर विवाद बढ़ गया। मामले में 10 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है। वहीं यूपी विधानसभा में फतेहपुर मकबरा-मंदिर विवाद का मुद्दा गूंज रहा है। विपक्ष जमकर हंगामा कर रहा है।
इस बीत फतेहपुर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और पुलिस हाई अलर्ट पर है। यूपी पुलिस ने उत्पात मचाने पर कड़े एक्शन की चेतावनी दी है। मजार के पास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं ड्रोन और CCTV कैमरे से भी नजर रखी जा रही है। तनाव को देखते 10 थानों की फोर्स लगाई गई और 6 जिलों के बड़े पुलिस अधिकारी फतेहपुर भेजे गए हैं।
हिंदू पक्ष ने ठाकुरजी का मंदिर का किया दावा

दरअसल, हिंदू पक्ष दावा कर रहा है कि ईदगाह में मकबरा नहीं, बल्कि ठाकुर जी का मंदिर है। उनका कहना है कि ‘मकबरे में कमल के फूल और त्रिशूल इस बात के सबूत हैं कि मंदिर को तोड़कर यहां मकबरा बनाया गया। ठाकुरजी यानी भगवान कृष्ण का 1 हजार साल पुराना मंदिर है। बवाल मचाने वाले लोगों का कहना है कि मंदिर पर अवैध कब्जा सनातनी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। ये हमारी आस्था का केंद्र है, हम हर हाल में पूजा पाठ करेंगे। जन्माष्टमी से पहले हमने यहां साफ-सफाई का ऐलान किया था। प्रशासन ने जबरन कार्रवाई की इसलिए कुछ लोगों ने तोड़फोड की।’
मुस्लिम पक्ष कर रहा ये दावा
वहीं इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष ये दावा कर रहा है कि फतेहपुर के आबूनगर की ईदगाह से हमारी आस्था जुड़ी है। इस ईदगाह में नवाब अब्दुल समद का मकबरा बना है। ये मकबरा कोई आज का नहीं, करीब 200 साल पुराना है। सरकारी दस्तावेज में 753 नंबर खतौनी में ये जमीन दर्ज है, लेकिन कुछ संगठनों ने इसकी भी खुदाई का ऐलान कर दिया है। इसे ठाकुर जी का मंदिर कहकर एक तमाशा खड़ा किया जा रहा है। फतेहपुर के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व सीएम मायावती ने भी उठाया मुद्दा
इस पूरे विवाद को लेकर यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने एक्स पर लिखा, “यूपी के जिला फतेहपुर में मक़बरा व मन्दिर होने को लेकर चल रहे विवाद/बवाल पर सरकार को किसी भी समुदाय को ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाने देना चाहिए जिससे वहां सम्प्रदायिक तनाव पैदा हो जाये तथा आपसी भाईचारा व सद्भाव भी बिगड़े। सरकार इस मामले को जरूर गम्भीरता से ले तथा जरूरत पड़ने पर सख्त कदम भी उठाये।”
