Danger of flood increases in Delhi
हरियाणा के यमुनानगर में यमुना नदी का जलस्तर भारी बारिश के चलते बढ़ गया है, जिसके कारण रविवार को अधिकारियों को हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 फाटक खोलने पड़े। यह इस मानसून में पहली बार हुआ है जब बैराज के सभी गेट खुले। सिंचाई विभाग के अनुसार, बैराज से लगभग 1.16 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में लगभग 48 से 50 घंटे लगते हैं।
प्रशासन की सतर्कता और एडवाइजरी
सरकार ने यमुना नदी के जलस्तर को लेकर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। प्रशासन ने विशेष एडवाइजरी जारी की है जिसमें कहा गया है कि 17 अगस्त 2025 की दोपहर 1 बजे हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी और ऊपरी यमुना जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण दिल्ली के रेलवे ब्रिज पर 19 अगस्त की रात लगभग 2 बजे यमुना का जलस्तर 206 मीटर से ऊपर पहुंच सकता है।
सोम नदी में बाढ़ का खतरा
यमुनानगर और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में हो रही लगातार बारिश के कारण सोम नदी भी उफान पर है। रविवार को नदी के तटबंध टूटने के परिणामस्वरूप पानीवाला जैसे कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। धनौरा गांव में नदी पुल के ऊपर से पानी बहते हुए देखा गया। यह पुल हरियाणा के रणजीतपुर को हिमाचल प्रदेश से जोड़ता है।
सुखना झील का पानी खतरे के निशान के करीब

यमुनानगर के अलावा हरियाणा के पंचकूला, कुरुक्षेत्र और अंबाला सहित अन्य इलाकों में भी भारी बारिश हुई। चंडीगढ़ में सुखना झील का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने पर झील के तीन फाटक में से एक खोल दिया गया ताकि अतिरिक्त पानी सुखना चोह के माध्यम से बाहर निकाला जा सके। इसके फाटक खोलने से पहले आस-पास के इलाकों को सतर्क कर दिया गया था। झील के फाटक आमतौर पर 1,163 फुट के खतरे के निशान पर खोले जाते हैं।
निष्कर्ष
मॉनसून की इस सक्रियता ने हरियाणा और आस-पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। यमुना और सोम नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण प्रशासन लगातार स्थिति को मॉनिटर कर रहा है और समय-समय पर लोगों को सतर्क रहने की सलाह देता रहा है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ना और सुखना झील के फाटक खोलना उन कदमों में से हैं जो प्रभावित इलाकों को सुरक्षित रखने के लिए उठाए गए हैं। जनता को आपदाओं से बचने के लिए आगामी कुछ दिनों तक सतर्क रहना आवश्यक है।
