B. Sudarshan Reddy
नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। विपक्ष ने उनके नाम पर सर्वसम्मति से सहमति जताई।
21 अगस्त को करेंगे नामांकन
विपक्षी दलों की यह अहम बैठक 10 राजाजी मार्ग पर हुई, जिसमें कांग्रेस समेत गठबंधन से जुड़े प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम का औपचारिक एलान हुआ। जानकारी के मुताबिक, वे 21 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।
कौन हैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी?
- जन्म: 8 जुलाई 1946
- शैक्षणिक योग्यता: बीए, एलएलबी
वकालत और प्रारंभिक करियर
- जस्टिस रेड्डी ने 27 दिसंबर 1971 को आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया।
- उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में रिट और सिविल मामलों में लंबा अभ्यास किया।
- 1988 से 1990 तक वे हाईकोर्ट में सरकारी वकील रहे।
- 1990 में उन्हें छह महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया।
महत्वपूर्ण नियुक्तियां
- उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के लिए कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील की भूमिका निभाई।
- 2 मई 1995 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- 2005 में गौहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।
- 2007 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए।
- लंबे कानूनी करियर के बाद 2011 में सेवानिवृत्त हुए।
विपक्ष को उम्मीद
विपक्षी गठबंधन का मानना है कि जस्टिस रेड्डी की कानूनी विशेषज्ञता और न्यायपालिका में लंबे अनुभव से उन्हें जनता के बीच विश्वसनीयता और साख मिलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि, “जस्टिस रेड्डी देश में न्याय और लोकतंत्र की मजबूती के प्रतीक रहे हैं। विपक्ष ने सर्वसम्मति से उनके नाम पर भरोसा जताया है।”
निष्कर्ष
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी न केवल एक अनुभवी न्यायविद हैं बल्कि वे भारतीय न्यायपालिका की साख और न्यायिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब सबकी निगाहें 21 अगस्त को उनके नामांकन दाखिल करने और उपराष्ट्रपति चुनाव तक होने वाले घटनाक्रम पर टिकी रहेंगी।
