lगंभीर अपराध में गिरफ्तारी? पद से हटेंगे PM से CM तक.
केंद्र सरकार संसद में आज तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का मकसद प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों एवं मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी या हिरासत की स्थिति में पद से हटाने का प्रावधान करना है।
गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में प्रस्ताव रखेंगे कि इन विधेयकों को आगे विचार-विमर्श के लिए संसद की एक संयुक्त समिति के पास भेजा जाए।
क्यों ज़रूरी है यह संशोधन?
मौजूदा कानून— केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम, 1963— में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि यदि कोई मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार हो, तो उसे स्वतः पद से हटाया जा सके। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा-54 में भी ऐसा कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।
नए संशोधनों का उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में स्पष्ट प्रावधान जोड़ना है, ताकि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और दिल्ली सहित राज्यों के मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक मामलों में कानूनी रूप से पदमुक्त किए जा सकें।
केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2025
इस प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक, धारा 45 में संशोधन कर ऐसा प्रावधान जोड़ा जाएगा जिससे किसी भी मुख्यमंत्री या मंत्री के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप साबित होने या गिरफ्तारी की स्थिति में उसे पद से हटाया जा सके। सरकार का कहना है कि यह कदम कानूनी स्पष्टता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
