पटना, 21 अगस्त 2025
पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आयोजित बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब मुस्लिम समुदाय से जुड़े शिक्षक अभ्यर्थियों ने कार्यक्रम के दौरान विरोध जताया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर मौजूद थे और उन्होंने खुद आगे बढ़कर अभ्यर्थियों से बातचीत की।
हंगामे की वजह
सूत्रों के अनुसार, अभ्यर्थियों का आरोप था कि उन्हें बताया गया था कि समारोह में 1659 नए मदरसों की घोषणा की जाएगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वे नाराज हो गए। जब उन्होंने मुख्यमंत्री को कागज़ सौंपने की कोशिश की तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। इसी बीच वे हंगामा करने लगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच से खुद उनके पास गए और उनसे नाराजगी का कारण पूछा।
मुख्यमंत्री का संबोधन
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री ने किया। अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने कहा:
- “यह खुशी की बात है कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ने 100 साल पूरे कर लिए हैं।”
- उन्होंने बताया कि 15,000 से अधिक लोग इस समारोह में शामिल हुए हैं।
- नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले मदरसों की स्थिति बेहद खराब थी, लेकिन उनकी सरकार ने स्थिति में बदलाव किया।
मुस्लिम समुदाय के लिए काम
सीएम नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के कामों पर जोर देते हुए कहा:
- वर्ष 2006 से मदरसों का निबंधन और मान्यता प्रक्रिया शुरू की गई।
- मदरसा शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जा रहा है।
- कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम बड़े पैमाने पर किया गया, जिससे पहले होने वाले हिंदू-मुस्लिम विवाद काफी हद तक खत्म हुए।
- उनके अनुसार, “पूर्व की सरकारों ने मुस्लिम समुदाय के लिए कोई ठोस काम नहीं किया था।”
माहौल और संदेश
हालांकि कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से स्थिति शांत हो गई। समारोह अंततः सफलतापूर्वक आगे बढ़ा।
संक्षेप में:
- बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में हंगामा।
- नाराज शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग – 1659 मदरसों की घोषणा होनी चाहिए थी।
- नीतीश कुमार ने मंच से उतरकर खुद स्थिति संभाली।
- मुख्यमंत्री बोले – 2005 के बाद से ही मदरसों और मुस्लिम समुदाय के लिए बड़े पैमाने पर काम हुआ है।
