बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। महाराष्ट्र और यूपी में दर्ज शिकायतों के बाद अब दिल्ली में भी उनके खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। यह पूरी कार्रवाई उनके द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक विवादित पोस्ट को लेकर हुई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी और छेड़छाड़ की गई तस्वीर शामिल थी।
विवाद की जड़ – सोशल मीडिया पोस्ट
मामला तब तूल पकड़ गया जब सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (X) पर एक आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किया गया। इस पोस्ट में पीएम मोदी की तस्वीर से छेड़छाड़ की गई थी और उससे जुड़े कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल हुआ। बीजेपी की मानें तो यह पोस्ट तेजस्वी यादव के निर्देश पर किया गया था, जिसके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं सहित आम लोगों की भावनाएं आहत हुईं।
दिल्ली में दर्ज हुई FIR
दिल्ली बीजेपी नेता केएस दुग्गल ने इस पोस्ट के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में साफ लिखा गया है कि इस तरह की पोस्ट न केवल प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का अपमान है, बल्कि समाज में वैमनस्य फैलाने और माहौल बिगाड़ने की कोशिश भी है।
इस मामले पर दिल्ली पुलिस ने आईटी एक्ट और संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की है।
पहले भी हुई हैं शिकायतें
दिल्ली में FIR दर्ज होने से पहले तेजस्वी यादव पर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी इसी मुद्दे पर केस दर्ज हो चुका है। यानी अब तीन अलग-अलग राज्यों की पुलिस उनके खिलाफ जांच कर रही है। विपक्ष का आरोप है कि तेजस्वी यादव मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, और इस तरीके से चुनावी माहौल को भटकाने की कोशिश की जा रही है।
तेजस्वी यादव और RJD की प्रतिक्रिया
राजद की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने ऑफ रिकॉर्ड कहा है कि ये मामले पूरी तरह राजनीतिक साजिश के तहत दर्ज कराए जा रहे हैं। उनके मुताबिक, तेजस्वी यादव लगातार महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं, जिससे बीजेपी को असुविधा हो रही है। इसी वजह से उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
चुनावी सियासत पर असर
विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के विवाद एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकते हैं।
- बीजेपी जहां इसे नैतिकता और प्रधानमंत्री के अपमान से जोड़कर जनता के सामने पेश करेगी,
- वहीं राजद इस FIR को राजनीतिक दबाव और बदले की कार्रवाई बताकर अपने कार्यकर्ताओं के बीच सहानुभूति का माहौल बनाने की कोशिश करेगा।
यह साफ है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में यह मामला खूब गरमाएगा और चुनावी बयानबाजी का हिस्सा बनेगा।
