बाबा रामदेव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को ‘टैरिफ आतंकवाद’ करार देते हुए कहा कि यह विकासशील देशों को धमकाने का एक तरीका है। उन्होंने जोर दिया कि भारत को इससे डरने की जरूरत नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत और अन्य देश मिलकर इसका मुकाबला करेंगे।
रामदेव ने स्वदेशी को बढ़ावा देने और मेक इन इंडिया को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि गांधी जी ने भी स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया था। हर चुनौती में अवसर होता है, और यह टैरिफ नीतियां भारत की आत्मनिर्भरता और आर्थिक ताकत को पहचानने का मौका हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि भारत को अपनी अर्थनीति दुरुस्त कर अपनी घरेलू उत्पादनों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इस प्रकार टैरिफ को भारत के लिए एक अवसर के रूप में देखना चाहिए, जो देश को और मजबूत करेगा और विदेशी दबाव कम करेगा।
बाबा रामदेव ने स्वदेशी आंदोलन को देश के समग्र विकास का एक महायज्ञ बताया है, जिसमें न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक पुनरुद्धार की भी बातें शामिल हैं। उनका मानना है कि स्वदेशी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना ही भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाने का रास्ता है।
रामदेव ने खास तौर पर यह कहा कि स्वदेशी केवल उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली और सोच का नाम है, जो देश को विदेशी निर्भरता से मुक्त कर स्वाभिमान के साथ खड़ा करता है। उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि वे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करें और अपने घरेलू उत्पादों को प्रोत्साहित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्राचीन योग, आयुर्वेद, तथा संस्कृत जैसी सांस्कृतिक विरासतों को संरक्षित और लोकप्रिय बनाना भी स्वदेशी आंदोलन की महत्वपूर्ण आवश्यकताएं हैं, जिससे हम न केवल आर्थिक बल बल्कि सांस्कृतिक बल में भी सुदृढ़ हों।
रामदेव के अनुसार, स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा होगा जब हर नागरिक इस आंदोलन का हिस्सा बने और इसे अपने जीवन का अंग बनाए। यही तभी संभव है जब हम अपने देश के संसाधनों, श्रम और प्रतिभा पर भरोसा करें।
इस प्रकार बाबा रामदेव के विचारों में स्वदेशी सिर्फ एक आर्थिक नीति नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय जागरूकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का अभियान है, जो भारत को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।
