बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA में सीट शेयरिंग को लेकर चिराग पासवान की पार्टी की डिमांड और राजनीतिक हलचल :
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान आज दिल्ली से पटना के लिए रवाना होंगे और फिर वहां से अपने पैतृक गांव जाएंगे। यह यात्रा बिहार की सियासत के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए सीट समझौते पर गतिरोध नजर आ रहा है, और इसी विषय को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उनसे दिल्ली में खास बातचीत हुई है.

दिल्ली में तेज़ हुई राजनीतिक गतिविधियां
दरअसल, बिहार चुनाव घोषणा के बाद से एनडीए और विपक्षी गठबंधन दोनों में सीट शेयरिंग को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। ऐसी रिपोर्ट है कि चिराग पासवान सीट बंटवारे के मौजूदा फॉर्मूले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। इसी कारण भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े मंगलवार को चिराग पासवान के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। दोनों नेताओं ने चिराग को मनाने की कोशिश की और एनडीए की एकता का संदेश दिया.
पटना और पैतृक गांव की यात्रा
सूत्रों के मुताबिक अगर मंगलवार शाम तक बातचीत में कोई ठोस सहमति नहीं बनती है, तो चिराग पासवान शाम में ही दिल्ली से पटना लौट आएंगे। वहां से वे तत्काल अपने पैतृक गांव खगड़िया के शहरबन्नी के लिए रवाना होंगे। गांव में उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है, जिसमें चिराग अपने परिवार और समर्थकों के साथ भाग लेंगे तथा पुष्पांजलि अर्पित करेंगे.
बिहार चुनाव की तैयारियां और अहम बैठकें
एनडीए के बीच सीट बंटवारे की प्रक्रिया अब अंतिम दौर में है। भाजपा और जेडीयू को लगभग 100-100 सीटें मिलने के आसार हैं, जबकि चिराग की पार्टी को भी बड़ी हिस्सेदारी मिल सकती है। पटना में भाजपा की अहम बैठक बुधवार दोपहर 12 बजे होगी, जहां सीटों के अंतिम फैसले लिए जाएंगे। इसके बाद दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की मीटिंग 9 या 10 अक्टूबर को होगी, जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगेगी.
सामाजिक और राजनीतिक महत्व
चिराग पासवान ने हाल ही में अपने पिता के लिए भारत रत्न की मांग भी उठाई थी। इस जमीनी कार्यक्रम के दौरान भी यह मांग दोहराई जा सकती है। चुनाव के इस दौर में चिराग की सक्रियता और उनके पार्टी की भूमिका राज्य की दलित और पिछड़ी जातियों के बीच खासा असर डाल सकती है।
बिहार में 243 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होंगे और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। एनडीए ‘विकास’ और ‘सुशासन’ का एजेंडा पेश कर रहा है, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, प्रवासन और मतदाता सूची जैसे मामलों को उठाकर सरकार को घेर रहा है.
इस तरह चिराग पासवान का दिल्ली से पटना और फिर अपने पैतृक गांव जाना सिर्फ एक पारिवारिक यात्रा नहीं, बल्कि बिहार चुनावी सियासत में निर्णायक मोड़ की तरह देखा जा रहा है.
