बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दरम्यान, केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने अपनी पार्टी को एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी को “फील गुड” के मूड में नहीं रहना चाहिए क्योंकि यह दृष्टिकोण पार्टी के लिए कई बार नुकसानदायक साबित हुआ है। गिरिराज सिंह का मानना है कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय भी पार्टी ने इसी तरह की स्थिति देखी थी, जो आगे चलकर उन्हें नुकसान पहुंचाने वाली साबित हुई।
गिरिराज सिंह ने यह बयान बिहार में पार्टी के टिकट बंटवारे और विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच व्यक्त किया। उन्होंने संकेत दिया कि सिर्फ अच्छा लगना या फीलिंग्स के आधार पर रणनीतियाँ बनाना हमेशा कारगर नहीं होता। इसके बजाय, पार्टी को वास्तविकता को समझते हुए ठोस और व्यवहारिक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, “अटल जी के समय हमने फील गुड को देख लिया है। फ़िल गुड का बहुत बड़ा नुकसान होता है।”
इस बयान के जरिये गिरिराज सिंह पार्टी नेतृत्व को आगाह कर रहे हैं कि चुनाव रणनीति में केवल सकारात्मक माहौल और आत्मसंतुष्टि की भावना पर भरोसा नहीं किया जा सकता। बल्कि, उन्हें जनता की समस्याओं, कार्यकर्ताओं की नब्ज, और स्थानीय परिवेश को ध्यान में रखते हुए ठोस राजनीतिक निर्णय लेने होंगे। वह यह भी कहते हैं कि सतही तौर पर स्ट्राइक रेट या वोट प्रतिशत की बातें करना पार्टी को लम्बे समय तक फायदा नहीं पहुंचाएगा।

गिरिराज सिंह ने पलटकर सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया पर भी अपनी चिंता जताई है। उनका मानना है कि पार्टी को स्थानीय समीकरणों और कार्यकर्ताओं की भावनाओं की ओर भी पर्याप्त ध्यान देना चाहिए। सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों का चुनाव दो महत्वपूर्ण पहलू हैं जो पार्टी के प्रदर्शन को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने चेताया कि यदि इन पहलुओं की अनदेखी हुई तो पार्टी को चुनाव में भारी नुकसान हो सकता है।
गिरिराज सिंह का यह बयान बिहार की राजनीतिक हलचल के बीच आया है, जहां लगातार खबरें आ रही हैं कि सीटों के बंटवारे को लेकर कई स्तरों पर असंतोष व्याप्त है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता अपनी भावनाओं को लेकर नाराज हैं। विगत विधानसभा चुनावों के नतीजों को भी देखकर स्पष्ट हो रहा है कि राजनीतिक जमीन पर पार्टी को ज्यादा सजग और सतर्क होने की जरूरत है।
सारांश रूप में, गिरिराज सिंह की नसीहत बीजेपी को एक पुरानी गलती से सीख लेने का आग्रह है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को स्पष्ट किया कि आत्मसंतुष्टि की भावना से परे जाकर गहराई में जाकर चुनाव की रणनीति बनानी होगी। यह चुनाव पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां मजबूती से कार्य करना और जनता के साथ सीधा संपर्क बनाए रखना जरूरी है।
इस नसीहत में कई महत्वपूर्ण संदेश छिपे हैं, जो बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों और आगामी राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा के लिए यह वक्त है “फील गुड” के जश्न से बाहर आकर जमीन से जुड़ी जरूरतों को समझने का ताकि चुनावों में सफलता सुनिश्चित हो सके।
इस बयान ने उम्मीद जगाई है कि पार्टी नेतृत्व गिरिराज सिंह के सुझाओं पर गौर करेगा और आगामी चुनावों में बेहतर रणनीति और कार्यकर्ता सहयोग के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन करेगा।
इस पूरी चर्चा से साफ है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की चाल और निर्णय बहुत महत्वपूर्ण साबित होंगे, तथा गिरिराज सिंह ने उन्हें इस जिम्मेदारी का एहसास दिलाने का प्रयास किया है।
