चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल
दिवाली और धनतेरस जैसे बड़े त्योहारों की रौनक के बीच, चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। चांदी में निवेश करने के कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें शारीरिक रूप से चांदी खरीदना, डिजिटल फॉर्म में लेना और सिल्वर ईटीएफ शामिल हैं। इन निवेश विकल्पों पर टैक्स की दर उनकी होल्डिंग अवधि के आधार पर तय होती है। फिजिकल चांदी खरीदने पर 3% वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगता है। सरकार ने सोने और चांदी दोनों पर जीएसटी की दर 3% पर स्थिर रखी है।

त्योहारी सीजन में चांदी की मांग रीति-रिवाजों के तहत और साथ ही निवेश हेतु भी तेज़ी से बढ़ी है। जहां पहले चांदी को मुख्य रूप से पूजा-पाठ, गहनों और उपहारों के लिए खरीदा जाता था, अब लोग इसे एक ठोस निवेश विकल्प के रूप में भी देखने लगे हैं।
क्यों बढ़ रही है चांदी की मांग?
चांदी की बढ़ती कीमतों के पीछे र्सिफ एक कारण नही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की मांग में बढ़ोतरी हुई है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में, साथ ही भारत में त्योहारों का समय होने के कारण निवेशक और उपभोक्ता दोनों इसे खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। इसी के बीच कई शहरों में चांदी का दाम ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुका है।
चांदी में निवेश करने की सोच रहे लोगो के पास तीन प्रमुख विकल्प होगें: भौतिक चांदी (Physical Silver),डिजिटल चांदी और सिल्वर ईटीएफ (Silver ETF).
निवेश पर टैक्स का क्या है नियम?
यदि आप ETF को 12 महीने या उससे अधिक समय तक रखते हैं, तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 12.5% टैक्स देना होगा वही अगर निवेश 12 महीने से कम का है, तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाता है और यह आपकी आयकर स्लैब दर के अनुसार टैक्स योग्य होगा।
अगर आप फिजिकल सिल्वर (जैसे सिक्के, बार या ज्वेलरी) 24 महीने या उससेअधिक समय तक रखते हैं, तो उस पर भी 12.5% LTCGटैक्स लागू होगा और अगर इसे 24 महीने से पहले बेचते हैं, तो लाभ आपकी आयकर स्लैब दर के अनुसार STCG माना जाएगा। इसके अलावा, भौतिक चांदी खरीदने पर 3% GSTलगेगा। आभूषणों में मेकिंग चार्ज पर भी GSTलगाया जाएगा, जिससे कुल लागत बढ़ जाएगी।
चांदी और सोने दोनों को संवेदनशील धातु मानते हुए GST मंडल ने इन पर 3% की दर से GST लागू किया है। त्योहारों के इस मौसम में सरकार द्वारा दरों में कोई बदलाव न करना उपभोक्ताओं को स्पष्टता और स्थिरता प्रदान करता है।
