बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक और प्रमुख नेता प्रशांत किशोर ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचाने वाला बड़ा फैसला किया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे और पार्टी के संगठन को सशक्त करने तथा प्रदेश में वैकल्पिक राजनीति की स्थापना पर ध्यान देंगे ।
प्रशांत किशोर ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “मैं बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। यह निर्णय पार्टी के हित में लिया गया है। जन सुराज अभियान ने तय किया है कि मुझे संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान देना चाहिए ताकि पूरा जन आंदोलन मजबूत हो सके।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर जन सुराज 150 सीटों से कम जीतता है, तो इसे वे अपनी व्यक्तिगत हार के रूप में मानेंगे।
150 सीटों का लक्ष्य और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख
पूर्व चुनाव रणनीतिकार से नेता बने किशोर ने अपनी पार्टी के लिए 150 सीटों का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि अगर जन सुराज इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं करता तो यह पार्टी और उनके प्रयासों की हार मानी जाएगी। साथ ही वे मानते हैं कि अगर पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो इसे बिहार को देश के 10 सबसे विकसित राज्यों में शामिल कराने का जनादेश माना जाएगा ।
उन्होंने घोषणा की कि जन सुराज की सरकार बनने पर बिहार की राजनीति में ऐतिहासिक कदम उठाया जाएगा — सरकार बनते ही राज्य के 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए विशेष कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह उन नेताओं के लिए चेतावनी है जो सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं ।

राघोपुर से नहीं लड़ेंगे, संगठन पर ध्यान
बीते कुछ महीनों से यह चर्चा थी कि प्रशांत किशोर राघोपुर सीट से मैदान में उतर सकते हैं, लेकिन उनके बयान के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है। पार्टी ने राघोपुर से किसी अन्य उम्मीदवार को उम्मीदवार घोषित किया है। किशोर ने कहा कि चुनाव लड़ने पर उनका ध्यान संगठनात्मक जिम्मेदारियों से भटकता, इसलिए यह निर्णय पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है ।
एनडीए और इंडिया ब्लॉक पर तीखा हमला
किशोर ने अपने बयान में राज्य की सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एनडीए सत्ता और सीटों के बंटवारे में उलझा है और उसमें “पूरी तरह से अराजकता” की स्थिति बनी हुई है। वहीं इंडिया ब्लॉक में राजद और कांग्रेस के बीच मतभेद बरकरार हैं, जिससे बिहार की जनता को कोई ठोस विकल्प नहीं मिल पा रहा ।
बिहार में वैकल्पिक राजनीति की नई लहर
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज केवल सत्ता की राजनीति नहीं, बल्कि वैकल्पिक और जनहित की राजनीति का आंदोलन है। पिछले दो वर्षों में वे लगातार बिहार के गांवों में जाकर संवाद बना रहे हैं। उनका कहना है कि यह अभियान किसी व्यक्ति या पद के लिए नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य की दिशा तय करने के लिए है ।
इस प्रकार, प्रशांत किशोर का चुनाव न लड़ने का निर्णय केवल एक राजनीतिक ऐलान नहीं, बल्कि नए राजनीतिक दृष्टिकोण की ओर बढ़ता कदम है। अब देखना होगा कि बिहार की जनता जन सुराज के इस संदेश को कितना स्वीकार करती है और 2025 के चुनाव परिणाम किस दिशा में जाते हैं।
