बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान तेज होती जा रही है। पहले चरण का नामांकन समाप्त हो चुका है, लेकिन राजद और कांग्रेस सहित महागठबंधन के अन्य दल अब तक सीटों पर अंतिम सहमति नहीं बना पाए हैं। हालांकि, दोनों प्रमुख दलों—राजद और कांग्रेस—ने दावा किया है कि गठबंधन में किसी तरह का विवाद नहीं है और अगले कुछ दिनों में सभी अस्पष्टताएं दूर हो जाएंगी।
पहले चरण में उलझा महागठबंधन
पहले चरण में बिहार की 121 विधानसभा सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि महागठबंधन के 127 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, यानी कुछ सीटों पर दो या तीन उम्मीदवार एक ही गठबंधन से मैदान में उतर आए हैं। इससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि सीट शेयरिंग पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है।
राजद के प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है और नामांकन वापस लेने की तारीख से पहले सभी विवाद सुलझा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन सीटों पर दो-दो उम्मीदवारों ने नामांकन किया है, वहां से एक उम्मीदवार नाम वापस लेगा और वही उम्मीदवार मैदान में रहेगा, जिसकी जीत की संभावना अधिक होगी।

कांग्रेस ने जारी की सूची, राजद अब भी चुप
कांग्रेस ने अपने 48 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जबकि राजद ने अब तक कोई आधिकारिक सूची घोषित नहीं की है। राजद की ओर से 71 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है। महागठबंधन में कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीएम और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं। हालांकि, सीटों के बंटवारे पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि गठबंधन में कोई विवाद नहीं है। “हर पार्टी चाहती है कि उसे अधिक सीटें मिलें, यह स्वाभाविक है। लेकिन बातचीत जारी है और दो-तीन दिनों में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी,” उन्होंने कहा।
किन सीटों पर है ‘फ्रेंडली फाइट’
हालांकि दोनों पार्टियां “एकजुटता” का दावा कर रही हैं, लेकिन कई सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन चुकी है।
- वैशाली और लालगंज सीट पर राजद और कांग्रेस, दोनों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
- बछवाड़ा, बिहारशरीफ और राजपाकर में कांग्रेस और सीपीआई के प्रत्याशी आमने-सामने हैं।
- मुंगेर की तारापुर सीट पर वीआईपी और राजद दोनों ने पर्चा भरा है।
गठबंधन में असंतोष के स्वर
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वे चुनाव नहीं लड़ रहे, लेकिन उनके समर्थकों की सीटों पर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। वहीं कांग्रेस को 70 सीटें चाहिए, जबकि राजद सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बहुमत हिस्सेदारी की मांग कर रही है।
एनडीए की तुलना में कमजोर तैयारी
जहां एक ओर महागठबंधन अभी भी सीट बंटवारे में उलझा है, वहीं एनडीए (भाजपा-जदयू-लोजपा-हम-आरएलएम) ने पहले ही अपना समीकरण स्पष्ट कर दिया है। एनडीए में भाजपा और जदयू 101-101 सीटों पर, लोजपा (रामविलास) 29 सीटों पर, और हम व आरएलएम 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मतदान और भविष्य की तस्वीर
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि अगर महागठबंधन समय पर एक राय नहीं बना सका, तो क्या यह चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगा? हालांकि राजद और कांग्रेस अब भी यह दावा कर रहे हैं कि “हम साथ-साथ हैं,” लेकिन अंदरूनी मतभेदों और कुछ सीटों पर आपसी संघर्ष ने एक बार फिर इस गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा कर दिया है।
