by Md atik
बिहार चुनाव 2025: तेज प्रताप यादव के उम्मीदवार अरुण यादव ने भैंस पर सवार होकर किया नामांकन:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नामांकन प्रक्रिया के दौरान तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल के प्रत्याशी अरुण यादव का अनोखा अंदाज देख राजनीति प्रेमी और आम जनता हैरान रह गई। अरवल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अरुण यादव ने भैंस पर सवार होकर नामांकन दाखिल किया, जो बिहार चुनाव के इस दौर का सबसे चर्चित और वायरल वीडियो बन गया है। उनके हाथ में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की तस्वीर थी और चेहरे पर आत्मविश्वास से भरी मुस्कान थी। इस अनोखे अंदाज को देखकर वहां जमा लोग और मीडिया के कैमरे तेज़ी से उनकी ओर मुड़ गए।
अरुण यादव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वे लालू प्रसाद यादव को अपना आदर्श मानते हैं और उसी शैली में उन्होंने नामांकन करने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि वे आम जनता के प्रतिनिधि हैं, इसी लिए उन्होंने जनसाधारण की तरह ही भैंस पर बैठकर दाखिला किया। उन्होंने भैंस को मेहनतकश किसानों और गरीब जनता की पहचान बताया, जिनके बीच वे खुद को खड़ा करते हैं।

तेज प्रताप यादव ने कुछ समय पहले राजद से अलग होकर अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का गठन किया है और बिहार की कई सीटों से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। अरवल सीट से अरुण यादव इस पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं, जिन्होंने इस स्टंट के जरिए सामाजिक और राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है। उनकी यह देसी और परंपरागत शैली लोगों के बीच काफी चर्चा में आई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई है।
इस घटना ने बिहार चुनाव 2025 के नामांकन के तौर-तरीकों में इक नया रंग जड़ दिया है, जहां एक ओर उम्मीदवार दफ्तरों में चुपचाप गए, वहीं अरुण यादव ने इस तरह के अनोखे अंदाज से चुनावी राजनीति को एक अलग पहचान दी है। विपक्षी दलों में इस कदम को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिली, कुछ लोग इसे जनता के बीच पहुंचने का असली तरीका मान रहे हैं तो कुछ इसे चुनावी पब्लिसिटी स्टंट बता रहे हैं।
यह अनोखा दृश्य न केवल बिहार में, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना है और यह संकेत देता है कि राजनीति में अब नायाब और जन-प्रेमी अंदाज के साथ खुद को प्रस्तुत करना भी जरूरी हो गया है। तेज प्रताप यादव की नई पार्टी इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी अलग छवि बनाने की पूरी कोशिश कर रही है, और अरुण यादव का यह स्टंट उसकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
