by Md atik
देहरादून, 18 अक्टूबर 2025 — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राज्य में अवैध कब्जों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बड़ी सफलता का दावा करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने अब तक 9000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि ‘भूमि जिहादियों’ से मुक्त कराई है। उन्होंने इसे “देवभूमि की अस्मिता की रक्षा” के लिए उठाया गया निर्णायक कदम बताया।
रुड़की में घोषणा
मुख्यमंत्री धामी ने यह घोषणा हरिद्वार जिले के रुड़की में भाजपा के नवनिर्मित जिला कार्यालय के उद्घाटन समारोह में की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में “लैंड जिहाद” के नाम पर धार्मिक संरचनाओं के माध्यम से सरकारी और वन भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे किए गए थे। सरकार ने इन अतिक्रमणों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया है और अब तक 9000 एकड़ से अधिक भूमि वापस ली जा चुकी है ।
अवैध ढांचों पर कार्रवाई
सीएम धामी के अनुसार, इस अभियान के तहत 250 से अधिक अवैध मदरसों को सील किया गया, जबकि 500 से अधिक अवैध धार्मिक संरचनाएं और भवन ध्वस्त किए गए। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि अब राज्य में कोई भी व्यक्ति “किसी भी रंग की चादर” डालकर सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान जारी रहेगा जब तक राज्य की सारी अतिक्रमित भूमि पूरी तरह मुक्त नहीं करा ली जाती ।
धार्मिक अतिक्रमण पर सख्ती

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य की जनसांख्यिकी में बदलाव की किसी भी कोशिश को विफल करने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए धर्मांतरण विरोधी और दंगा निरोधक कानूनों को कड़ाई से लागू किया गया है। साथ ही “लव जिहाद”, “स्पिट जिहाद” और “लैंड जिहाद” जैसी गतिविधियों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है ।
धामी ने कहा, “अब उत्तराखंड में ना तो कोई सरकारी भूमि पर कब्जा कर सकेगा, ना ही धार्मिक आड़ में अवैध निर्माण।” उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार अतिक्रमणकारियों और अवैध धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है ।
राज्य की सुरक्षा व पहचान का सवाल
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की पहचान देवभूमि के रूप में रही है और सरकार इसकी पवित्रता और सांस्कृतिक स्वरूप को किसी भी कीमत पर बदलने नहीं देगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस अभियान में प्रशासन का सहयोग करें और अवैध कब्जों की सूचना दें ताकि प्रदेश में कानून और व्यवस्था सशक्त बनी रहे ।
