by Md atik
वॉशिंगटन डीसी, 18 अक्टूबर 2025 — अमेरिका की सड़कों पर शनिवार को फिर इतिहास दोहराया गया जब देश भर में लाखों लोग “No Kings” आंदोलन के तहत उतर आए। इस राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का मुख्य नारा था — “अमेरिका में कोई राजा नहीं,” और इसका निशाना था राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित सत्तावादी और अलोकतांत्रिक नीतियाँ ।
प्रदर्शन का पैमाना और स्थल
“No Kings” आंदोलन के तहत 50 राज्यों में 2,700 से अधिक स्थानों पर प्रदर्शन हुए, जिनमें अनुमानित 70 लाख लोगों ने भाग लिया। सबसे बड़ा जमावड़ा वॉशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल और व्हाइट हाउस परिसर के बाहर हुआ, जहाँ भीड़ कई किलोमीटर तक फैली रही। न्यूयॉर्क, शिकागो, लॉस एंजेलिस, एटलांटा और सैन डिएगो जैसे शहरों में भी हजारों लोग सड़कों पर उतरे ।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
यह दूसरा “No Kings” चरण था। जून 2025 में हुए पहले चरण में भी लगभग 50 लाख लोगों ने भाग लिया था। आंदोलन का संचालन “No Kings Coalition” द्वारा किया जा रहा है, जिसमें सैकड़ों प्रगतिशील संगठनों — जैसे ACLU, Human Rights Campaign, Planned Parenthood, MoveOn आदि — की सहभागिता है । आयोजकों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन पूरी तरह अहिंसक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित रहेगा।

प्रदर्शनकारियों की मांगें और असंतोष
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति ट्रंप पर “राजा की तरह शासन करने” और संवैधानिक ढांचे को कमज़ोर करने का आरोप लगाया।
उनका असंतोष कई मुद्दों पर केंद्रित था —
- फेडरल कर्मचारियों की छंटनी और प्रेस स्वतंत्रता पर हमले,
- इमिग्रेशन विभाग (ICE) की सख्त कार्रवाइयाँ,
- शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं में बजट कटौती,
- तथा हालिया नेशनल गार्ड तैनाती और नागरिक विरोधों पर बल प्रयोग ।
वॉशिंगटन की भीड़ में विविधता दिखी — छात्रों, अध्यापकों, ट्रांसजेंडर अधिकार कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों ने एक साथ आवाज़ बुलंद की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।”
प्रशासन और विपक्ष की प्रतिक्रिया
ट्रंप प्रशासन ने प्रदर्शनों को “राजनीतिक उकसावे” का नाम दिया। हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने इन्हें “हेट-अमेरिका रैली” कहा, जबकि डेमोक्रेट सांसदों और कई हस्तियों ने इस आंदोलन का समर्थन किया, यह कहते हुए कि “अमेरिका में किसी की तानाशाही नहीं चलेगी” ।
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक मीडिया बातचीत में कहा, “मैं कोई राजा नहीं हूं, लेकिन मेरा कर्तव्य है अमेरिका को मजबूत बनाना।” हालांकि, व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शनकारियों ने “Democracy not dynasty” के नारे लगाए ।
आंदोलन का महत्त्व
“No Kings” केवल एक प्रदर्शन नहीं बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र की रक्षा का प्रतीक बन गया है। आयोजकों का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक “लोकतंत्र पर मंडराते खतरे” पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाते। वेबसाइट NoKings.org पर आंदोलन का नारा दर्ज है —
“No Thrones. No Crowns. No Kings. अमेरिका में सत्ता जनता की है” ।
शनिवार को डीसी की सड़कों पर उमड़ी यह भारी भीड़ अमेरिका के इतिहास में लोकतांत्रिक आवाज़ की सबसे बड़ी गूंज बन गई।
