बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब महागठबंधन को भी बिना लड़े हार का सामना करना पड़ा है। सुगौली विधानसभा सीट से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार और मौजूदा राजद विधायक शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हो गया है। इससे पहले एनडीए की ओर से मढ़ौरा सीट पर लोजपा (रामविलास) प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द हुआ था। अब महागठबंधन की एक सीट भी बिना मुकाबले हाथों से निकल गई है।
सीट बंटवारे में देरी का असर
बिहार चुनाव में इस बार सीट बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों — एनडीए और महागठबंधन — में लंबे समय तक खींचतान चली। नतीजा यह हुआ कि कई उम्मीदवारों को बहुत कम समय में नामांकन करना पड़ा। यही जल्दबाजी अब बड़ी गलती साबित हो रही है।
राजद के मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह इस बार विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि वे पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से विधायक चुने गए थे।
नामांकन में बड़ी चूक
निर्वाचन आयोग के अनुसार, विकासशील इंसान पार्टी फिलहाल एक पंजीकृत लेकिन मान्यता-रहित (unrecognized) पार्टी है। चुनाव नियमों के तहत ऐसी पार्टियों के प्रत्याशियों को नामांकन के समय 10 प्रस्तावक (proposers) की आवश्यकता होती है। लेकिन शशि भूषण सिंह ने केवल एक प्रस्तावक के साथ ही नामांकन दाखिल कर दिया।
शायद उन्होंने यह समझ लिया कि राजद की तरह वीआईपी भी एक मान्यता प्राप्त पार्टी है। जांच के दौरान यह गलती सामने आई और आयोग ने नियमों का हवाला देते हुए उनका नामांकन रद्द कर दिया।
राजद के बागी का नामांकन भी रद्द
इसी सीट से राजद के बागी उम्मीदवार ओम प्रकाश चौधरी ने भी नामांकन दाखिल किया था, लेकिन उनका नामांकन भी रद्द कर दिया गया। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार, ओम प्रकाश चौधरी ने अपने नामांकन पत्र में कई पृष्ठ खाली छोड़ दिए थे और आवश्यक विवरण नहीं भरे थे।
इस वजह से निर्वाचन आयोग ने उनका नामांकन भी अमान्य घोषित कर दिया।
अब सुगौली सीट पर समीकरण बदलेंगे
शशि भूषण सिंह और ओम प्रकाश चौधरी दोनों के नामांकन रद्द होने के बाद सुगौली विधानसभा सीट पर अब मुकाबला पूरी तरह बदल गया है। वीआईपी और राजद दोनों के प्रत्याशी मैदान से बाहर हो चुके हैं, जिससे इस सीट पर विपक्षी दलों को बिना मुकाबले बढ़त मिलने की संभावना बन गई है।
