बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच महागठबंधन (RJD) में टिकट वितरण को लेकर मचे घमासान के बीच एक बड़ा विवाद सामने आया है। राजद से टिकट कटने के बाद पार्टी की पूर्व उम्मीदवार और समाजसेवी रितु जायसवाल ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि “परिहार सीट करोड़ों रुपये में बेची गई है।”
रितु जायसवाल ने सोमवार को जनसभा के दौरान मंच से फूट-फूटकर रोते हुए कहा — “मैंने परिहार की जनता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है। जब बाढ़ आई थी तब यहां कोई नहीं आया, न विधायक, न नेता। मैंने 10 साल इस इलाके की सेवा की है। लेकिन इस बार मेरा टिकट दलालों के दबाव में काट दिया गया।”
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में रितु जायसवाल
राजद से बगावत के बाद रितु जायसवाल ने परिहार सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस सीट से अब डॉ. स्मिता पूर्वे राजद उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा की निवर्तमान विधायक गायत्री देवी भी मैदान में हैं। यानी परिहार का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
रितु जायसवाल ने कहा कि उन्हें पहले परिहार से टिकट फाइनल किया गया था, लेकिन आखिरी वक्त पर पार्टी ने डॉ. स्मिता पूर्वे को टिकट दे दिया। उन्होंने बताया — “तेजस्वी यादव ने मेरा नाम तय कर दिया था, लेकिन कुछ दलालों के दबाव में निर्णय बदला गया।
‘जिसने गद्दारी की, उसी को मिला टिकट’
अपने भाषण में रितु जायसवाल ने तीखा प्रहार करते हुए कहा — “2020 के चुनाव में जिस परिवार ने राजद के साथ गद्दारी की थी, उसी को इस बार टिकट दे दिया गया। अगर पार्टी ने किसी अन्य जमीनी कार्यकर्ता को मौका दिया होता, तो मैं पीछे हट जाती और उसका समर्थन करती। लेकिन जिसे टिकट दिया गया, उसका कोई जनाधार नहीं है।”
उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि “परिहार की सीट करोड़ों रुपये में बेची गई है।” उनका कहना है कि पार्टी ने आदर्शों और कार्यकर्ताओं के सम्मान से समझौता कर लिया है।

रितु जायसवाल का राजनीतिक सफर
रितु जायसवाल का राजनीति में सफर सिंहवाहिनी पंचायत (सोनबरसा, सीतामढ़ी) की मुखिया बनने से शुरू हुआ था। मुखिया के रूप में उन्होंने विकास के कई काम किए, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी मिला।
इसके बाद राजद ने उन्हें 2020 में परिहार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। उस चुनाव में वे सिर्फ 1549 वोटों से हार गईं। बाद में उन्हें शिवहर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला, लेकिन वे जेडीयू की लवली आनंद से हार गईं।
महागठबंधन में बढ़ती बगावत
रितु जायसवाल का बगावती तेवर महागठबंधन के लिए परेशानी बढ़ाने वाला है। पहले से ही कई सीटों पर असंतोष और ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, महागठबंधन ने बिना सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार उतार दिए हैं — यानी कई जगह अपने ही उम्मीदवारों के बीच टकराव तय है।
