by: md atik
दिल्ली: दिवाली के जश्न के बाद भी राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कोई सुधार देखने को नहीं मिला। मंगलवार 21 अक्टूबर 2025 की शाम को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 351 दर्ज किया गया, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार ‘बहुत खराब’ श्रेणी (Very Poor Category) में आता है। ऐसे हालात ने न केवल स्थानीय नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि दिल्ली-एनसीआर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी को भी गंभीर बना दिया है।
दिवाली के बाद दिल्ली की प्रदूषित तस्वीर
दिवाली की रात और उसके बाद प्रदूषण का स्तर राजधानी में चरम पर पहुंच गया। मंगलवार सुबह से कई इलाकों—द्वारका, अशोक विहार, वज़ीरपुर, आनंद विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, बुराड़ी—का AQI 400 से अधिक यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा, जबकि अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI लगातार 320-370 के बीच बना हुआ है। अनुमान है कि एक्यूआई का यह स्तर पिछले वर्षों के मुकाबले करीब दोगुना बढ़ गया है।
प्रदूषण का कारण और स्थिति
इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक समय सीमा के बाहर भी पटाखे जलाए गए और पारंपरिक पटाखों की वजह से राजधानी में PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। दिल्ली में मंगलवार को हवा में पीएम2.5 की मात्रा WHO के मानक से 59 गुना ज्यादा पाई गई, जो दिल, फेफड़े और सांस से संबंधित बीमारियों को बढ़ा सकती है।

सरकारी कदम और चेतावनी
प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार और नगर निगम ने धूल नियंत्रण, सड़क पर पानी छिड़काव, और कचरा जलाने पर रोक जैसे कदम उठाए हैं। GRAP-II लागू किया गया है जिससे कोयला, लकड़ी और डीजल जेनरेटरों का इस्तेमाल प्रतिबंधित किया गया। विशेषज्ञों ने नागरिकों को मास्क पहनने की, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा, हार्ट पेशंट को बाहर निकलने से बचने की चेतावनी दी है।
आगे की स्थिति
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में हवा की स्थिति में कोई खास सुधार की उम्मीद नहीं है और वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में ही रहेगी। दिल्ली के नागरिकों को फिलहाल प्रदूषित वातावरण में ही अपनी दिनचर्या निभानी होगी, जिससे स्वास्थ्य संकट और बड़े स्तर पर पैदा हो सकता है।
