by: md atik
बिहार, 21 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वाल्मीकि नगर सीट से जन सुराज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। जन सुराज के उम्मीदवार का नामांकन चुनाव आयोग द्वारा रद्द कर दिया गया, जिससे पार्टी के समर्थकों और प्रत्याशी के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है। जन सुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने इस घटनाक्रम को पूरी तरह राजनीतिक साजिश बताया है, जहां सत्ता पक्ष पर प्रत्याशियों को चुनावी मैदान से बाहर करने के गंभीर आरोप लगाए गए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान उनके तीन उम्मीदवारों—दानापुर, गोपालगंज, ब्रह्मपुर समेत वाल्मीकि नगर—पर भाजपा और जदयू के नेताओं ने दबाव बनाकर चुनावी रेस से बाहर करने की कोशिश की। किशोर ने इसे ‘सूरत कांड’ की पुनरावृत्ति बताते हुए जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को चुनौती कहा। पार्टी का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत करके संवैधानिक और तकनीकी खामियों के आधार पर जन सुराज के प्रत्याशी का नामांकन रद्द किया गया।
आधिकारिक चुनावी प्रक्रिया के अनुसार, नामांकन रद्द होने का कारण सामान्यतः दस्तावेजों में कमी, प्रस्तावकों की संख्या में गड़बड़ी, या अन्य चुनावी नियमों का पालन न होना हो सकता है। लेकिन जन सुराज समर्थकों का मानना है कि उनके प्रत्याशी को राजनीतिक दबाव और धमकियों के आधार पर चुनाव मैदान से बाहर किया गया। इससे पहले भी सूरत जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें मतदाता और उम्मीदवारों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हुआ। प्रशांत किशोर ने कहा की चुनाव आयोग को निष्पक्षता बरतते हुए ऐसे मामलों की गहन जांच करनी चाहिए।
इस घटनाक्रम से बिहार चुनावी राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है और जोर देकर कहा कि राजनीतिक साजिश कर जन सुराज पार्टी जैसी नए विकल्पों के सम्मुख बाधा खड़ी की जा रही है। जन सुराज की रणनीति और उनकी चुनाव प्रचार की धार को इससे बड़ा झटका लगा है, और पार्टी नेतृत्व ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है।
अब देखना यह होगा कि जन सुराज पार्टी इस फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग या उच्च न्यायालय में अपील करती है या पार्टी प्रचार अभियान को अन्य सीटों पर केंद्रित करती है। वाल्मीकि नगर के मतदाता इस घटना से आहत हैं और सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं।
