by: md atik
दिवाली की रात लखनऊ देश का सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिवाली की अगली सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर स्थिति में था। इस वर्ष दिवाली पर पटाखों की अधिकता और मौसम की नकारात्मक परिस्थितियों के कारण हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया, जिससे सांस लेने वाले लोगों के लिए हालात गंभीर हो गए।
लखनऊ में दीपावली की रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 419 तक पहुंच गया, जो पिछले पांच वर्षों में अब तक का सबसे खराब रिकॉर्ड है। यह स्तर बेहद खतरनाक माना जाता है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है। प्रदूषण के प्रमुख कारणों में आतिशबाजी का धुआं, वाहनों के उत्सर्जन, और शहर में हवा का धीमा चलना शामिल रहा। रात के समय तापमान लगभग 23 डिग्री सेल्सियस था, जिससे हवा में प्रदूषित कण लंबे समय तक ठहरे रहे। पीएम10 का स्तर 374 और पीएम2.5 का स्तर 284 पर पहुंच गया, जो सामान्य सीमा से लगभग छह गुना अधिक है। विशेषज्ञों ने इस समय लोगों को मास्क पहनने, अनावश्यक बाहर निकलने से बचने और विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और दिल तथा सांस की बीमारियों वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
वहीं, दिल्ली में दिवाली की रात भी वायु प्रदूषण का स्तर बहुत गंभीर रहा, सुबह के समय राजधानी में AQI लगभग 354 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच है। दिल्ली-NCR के कई इलाकों जैसे बवाना (AQI 427), वजीरपुर (408), द्वारका (417), अशोक विहार (404), आनंद विहार (404) सहित लगभग 34 स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘रेड जोन’ में थी। दिवाली की शाम होने वाली भारी आतिशबाजी और ठंडी, स्थिर हवा के कारण प्रदूषित कण हवा में लंबे समय तक बने रहे और धुंध ने हालात को और खराब कर दिया। हालांकि सुबह के वक्त दिल्ली ने कुछ राहत भरा प्रदर्शन किया, परन्तु सांस लेना अभी भी कई इलाकों में मुश्किल बना हुआ है।

देश के अन्य बड़े शहर भी दिवाली के बाद प्रदूषण का सामना कर रहे हैं, जिसमें मुंबई, कोलकाता, पटना और जयपुर शामिल हैं, हालांकि लखनऊ और दिल्ली की तुलना में उनकी वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर बनी हुई है।
पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार जनता से यह अपील कर रहे हैं कि पटाखे जलाने से बचें, अधिकाधिक समय तक घर के अंदर रहें, और बाहर निकलते समय मास्क पहनना न भूलें ताकि सांस संबंधित बीमारियों से बचा जा सके। साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी यह उम्मीद जताई है कि प्रदूषण नियंत्रण के कड़े कदम उठाए जाएं और स्वस्थ वातावरण बनाए रखे जाएं।
इस वर्ष दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण स्तर ने फिर से यह सबक याद दिलाया है कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं, नहीं तो स्वास्थ्य और जीवन दोनों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के कारण लखनऊ में प्रदूषण ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि उत्सवों के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है, जबकि दिल्ली में मामूली राहत के बावजूद गंभीरता बनी हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि आने वाले दिनों में सरकार और जनता दोनों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में काम करना होगा।.
