by: md atik
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में छठ पूजा को लेकर एक बड़ी घोषणा की है, जिसने पूरब से आए श्रद्धालुओं सहित पूरे शहर में उत्साह का माहौल बना दिया है। वर्षों से यमुना नदी किनारे छठ पूजा पर लगा प्रतिबंध इस बार उनकी सरकार द्वारा हटा दिया गया है। 2025 में दिल्ली में छठ पूजा को भव्य और सुरक्षित तरीके से मनाने के लिए लगभग 17 मॉडल छठ घाट विकसित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, दिल्ली के हर जिले में कम से कम एक मॉडल छठ घाट बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन के लिए 1000 से ज्यादा स्थानों पर आवेदन आ चुके हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरतमंद व्यवस्थाएं जैसे साफ-सफाई, लाइटिंग, पानी, सुरक्षा, मेडिकल सहायता आदि पूरी तरह से सुनिश्चित की जाएंगी। साथ ही छठ व्रतियों के लिए स्वागत द्वार और फूलों की वर्षा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें भोजपुरी और मैथिली भाषाओं की प्रस्तुतियां खास तौर पर शामिल होंगी।
पिछले कुछ सालों में यमुना नदी के किनारे छठ पूजा पर प्रतिबंध था, जिससे श्रद्धालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। पूर्व की सरकारों द्वारा इस पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन नई सरकार ने इस परंपरा और धार्मिक विश्वास का सम्मान करते हुए प्रतिबंध हटा दिया है। इससे न केवल पूजा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सांस्कृतिक समरसता और सामाजिक सौहार्द्र में भी वृद्धि होगी।

सीएम रेखा गुप्ता ने यह भी घोषणा की है कि इस बार छठ पूजा के दौरान दिल्ली सरकार 200 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगी। इससे पर्व का धार्मिक माहौल और भी भव्य एवं आकर्षक बनेगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में पिछले साल 929 स्थानों पर छठ मनाई गई थी, जो इस बार हजारों में परिवर्तित हो गई है।
यह फैसला खासकर उन लाखों पूर्वांचलियों के लिए राहत की खबर है जो दिल्ली में रहते हैं और बिहार के चुनाव पर भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। छठ पूजा पर पहली बार डेढ़ दिन की छुट्टी भी घोषित की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को पूजा में बेहतर भागीदारी का मौका मिलेगा। दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि छठ पर्व के आयोजन में हर संभव सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा जाए।
इस साल छठ पूजा का समारोह दिल्ली में एक भव्य और यादगार सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा, जहां यमुना नदी किनारे बनाए गए मॉडल घाट श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगे। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था का सम्मान है, बल्कि दिल्ली सरकार की सामाजिक और सांस्कृतिक समावेशन की नीतियों की भी प्रमाण है।
