by: md atik
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 2027 तक पूरे देश में उत्पन्न होने वाले सभी नगरपालिका कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में करने की एक बड़ी योजना बनाई है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चेन्नई में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के दीक्षांत समारोह में इसकी घोषणा की। उनका कहना है कि इससे न केवल सड़क निर्माण में लागत और पर्यावरणीय दबाव कम होगा, बल्कि कूड़ों के ढेरों को भी कम किया जाएगा।
NHAI ने अब तक लगभग 80 लाख टन नगरपालिका कचरे का उपयोग विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में किया है। उदाहरण के लिए, अहमदाबाद-पुणे राजमार्ग पर 25 लाख टन और मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर 40 लाख टन कचरे को सड़क निर्माण में शामिल किया गया है। इस प्रक्रिया में कचरे को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर जैविक और अजैविक तत्वों को बाहर निकाला जाता है, जिससे रोड बेस और इम्बैंकमेंट के लिए उपयोगी सामग्री तैयार होती है।
NHAI की योजना है कि वर्ष 2027 तक देश के सभी पुराने कचरे को बायो-माइनिंग तकनीक से संसाधित कर उसमें से निकलने वाले कचरे का सड़क निर्माण में उपयोग किया जाएगा। यह कदम स्वच्छ भारत मिशन 2.0, स्मार्ट सिटी मिशन और पर्यावरण सुरक्षा के तहत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे न केवल कचरा प्रबंधन होगा, बल्कि सड़क निर्माण में पारंपरिक निर्माण सामग्री जैसे बजरी, रेत की खपत भी घटेगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मंत्री गडकरी ने यह भी बताया कि एनएचएआई ने पशुधन से प्राप्त जैव-बिटुमेन का प्रयोग करके सड़क बनाई है, जिसे केंद्रीय अनुसंधान संगठन ने पेट्रोलियम बिटुमेन से बेहतर माना है। साथ ही, विभिन्न विश्वविद्यालय और संस्थान हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधनों पर शोध कर रहे हैं, जिससे फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो सके।
इस योजना से देश की आर्थिक प्रगति भी सुनिश्चित होगी, क्योंकि यह सड़क निर्माण का खर्च कम करेगा और कचरे के पहाड़ घटाने में मदद करेगा। एनएचएआई की इस पहल से न केवल कचरे के डंपिंग साइट्स पर बोझ कम होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मंत्री ने युवाओं को रोजगार चाहने वालों की बजाय रोजगार सृजनकर्ता बनने की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
NHAI की इस पहल से भारत की सड़क निर्माण प्रक्रिया अधिक टिकाऊ, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार बन जाएगी। यह कदम भारत को वैश्विक स्तर पर स्वच्छ और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करेगा।
इस प्रकार, 2027 तक पूरे देश में नगरपालिका कचरे का सड़क निर्माण में उपयोग करना न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेगा, बल्कि देश की विकास यात्रा को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। यह एक प्रभावी और अभिनव प्रयास है जो भारत के स्थायी विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगा।
