जन सुराज पार्टी (JSP) ने गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी अनूप श्रीवास्तव को समर्थन देने का ऐलान किया है। प्रशांत किशोर ने इस मौके पर भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने JSP के घोषित उम्मीदवार डॉ. शशि शेखर सिंह पर दबाव डाला ताकि वह मैदान से हट जाए।

गोपालगंज में इस चुनावी दौर में राजनीतिक हलचल तेज है। जन सुराज पार्टी ने उस समय निशाना साधा जब उन्होंने महसूस किया कि उनके देशित उम्मीदवार को मैदान में नहीं छोड़ा गया। पार्टी ने कहा कि भाजपा ने डॉ. शशि शेखर सिंह को दबाव में रखा, और इस कारण उन्होंने निर्दलीय अनूप श्रीवास्तव को समर्थन देने की रणनीति अपनाई। यह कदम यह संकेत देता है कि जनता-महत्व की राजनीति के नए स्वरूप उभरते दिख रहे हैं, जहाँ पुराने राजनीतिक समीकरणों से हट कर नए गठजोड़ बन रहे हैं।
अनूप श्रीवास्तव का राजनीतिक सफर भी विशेष है, वे हमेशा भाजपा से जुड़े रहे लेकिन कभी टिकट नहीं मिला, और अब उन्होंने जन सुराज के समर्थन से मैदान में कदम रखा है। इस कदम को स्थानीय स्तर पर न्याय की मांग के रूप में देखा जा रहा है, पार्टी ने इसे ‘नाइंसाफी का जवाब देने’ की तरह प्रचारित किया है।
गोपालगंज में पहले ही बागी उम्मीदवारों और वोट विभाजन की चुनौतियों ने राजनीतिक परिदृश्य को जटिल बना रखा है। इस नए समर्थन से भाजपा-एनडीए को स्थानीय स्तर पर झटका लग सकता है क्योंकि जन सुराज ने सीधे तौर पर विपक्षी मोर्चा खोलने की रणनीति अपनाई है।
इस तरह, जन सुराज का यह कदम सिर्फ एक सीट का समर्थन नहीं बल्कि एक राजनीतिक पैंतरा है, जिसने यह संकेत दिया कि पार्टी सिर्फ कुछ सीटों पर नहीं बल्कि व्यापक बदलाव के एजेंडा के साथ उतर रही है।
संभावित प्रभाव:
भाजपा-एनडीए गठबंधन के लिए यह एक चुनौती हो सकती है क्योंकि जन सुराज ने पुराने राजनीतिक समीकरणों को चुनौती दी है।
अनूप श्रीवास्तव का स्थानीय अनुभव और भाजपा में पुराना जुड़ाव उन्हें जन सुराज-समर्थन के साथ एक मजबूत उम्मीदवार बना सकता है।
इस प्रकार के समर्थन से स्थानीय मतदाताओं में ‘न्याय’ और ‘सपोर्ट’ की भावना उत्पन्न हो सकती है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
साथ ही, यह उदाहरण बन सकता है कि कैसे नए दल स्थानीय घटकों और बागी प्रवृत्तियों को समाहित कर अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं।
