दरभंगा, बिहार : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच, मिथिला क्षेत्र विशेषकर दरभंगा जिले के अलीनगर विधान सभा क्षेत्र में सांस्कृतिक प्रतीक मिथिला पाग को लेकर तीव्र विवाद खड़ा हो गया है। आमतौर पर पाग को वहाँ सम्मान, मर्यादा व समाज-पहचान का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस घटना ने इसे राजनीतिक मोड़ दिया है।

मंच-सभा के दौरान जब अतिथियों का स्वागत पारंपरिक पाग पहनाकर हो रहा था, तब केतकी सिंह ने एक पाग उठाकर पूछा- “यह पाग क्या है?” और जब जवाब मिला कि यह मिथिला का सम्मान है, तो उन्होंने पाग को फेंककर कहा- “नहीं, मिथिला का सम्मान मैथिली ठाकुर हैं।” इस व्यवहार ने स्थानीय लोगों में गहरी नाराज़गी उत्पन्न कर दी।
मामले के सामने आने के बाद केतकी सिंह ने सफाई दी है कि उनका उद्देश्य किसी अपमान का नहीं था। उन्होंने कहा- “पाग मेरे लिए भी सम्मान है” और “मैंने मिथिला की संस्कृति का अपमान नहीं किया”। उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के प्रति अपने कथित बयान को भी स्पष्ट किया।
लेकिन स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक समूह व विपक्षी दल इस सफाई से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है- यह सिर्फ पाग का मुद्दा नहीं है बल्कि मिथिला की पहचान व सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा संवेदनशील विषय है। “यह पाग नहीं बल्कि हमारी विरासत है”- ऐसा एक स्थानीय नेष्ठावलंबी ने कहा।
पाग सिर्फ एक पारंपरिक टोप-हैडगियर नहीं; यह मिथिला क्षेत्र की सामाजिक-सांस्कृतिक भाषा है। उदाहरण के लिए, पाग को लेकर “Save the Paag” अभियाना शुरू हुआ था, ताकि इस प्रतीक को संरक्षित किया जाए। इसे जून 2017 में डाक टिकट पर भी जगह मिली थी, जो इसकी सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है।
चुनावी माहौल में यह विवाद इसलिए और अहम हो गया है क्योंकि मिथिला क्षेत्र में सांस्कृतिक-आधारित भावनाएँ गहरी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के मुद्दे मतदाता व्यवहार, जो कि पहचान व स्वाभिमान-आधारित होता है, उस पर असर डाल सकते हैं।
इस तरह-
- पहली कड़ी में- एक प्रतीक के अपमान से नाराज़गी उभरी …
- दूसरी कड़ी में- प्रत्यक्ष बयान-विश्लेषण हुआ …
- तीसरी में- सफाई व प्रतिक्रिया सामने आई …
- चौथी में- सांस्कृतिक-राजनीतिक प्रतिध्वनि बनी …
- पाँचवीं में- चुनावी प्रभाव के संकेत दिखने लगे …
अगले चरण में यह देखना होगा कि इस विवाद का असर स्थानीय उम्मीदवारों, पार्टी रणनीतियों व मिथिला-चेतना पर किस तरह से पड़ता है, क्या इसे सिर्फ एक बयान-विवाद माना जाएगा या यह मिथिला-वासी के वोट-रुख में भी बदलावा लाएगा।
