बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुजफ्फरपुर में 30 अक्टूबर को चुनावी दौरा तय किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत को सुनिश्चित करने के लिए अहम माना जा रहा है। इस चुनावी रैली को लेकर राजनीतिक माहौल तेज हो गया है और हर तरफ चर्चा है कि पीएम मोदी के इस दौरे से बिहार में भाजपा को कितना फायदा होगा।

30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री का चुनावी प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार चुनाव 2025 के प्रचार के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे, जहां वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली के आयोजन के बाद भाजपा की ओर से राज्य भर में चुनावी गतिविधियां तेज हो जाएंगी। बिहार में इस बार भाजपा और उसके सहयोगी दलों की ओर से चुनावी रणनीति को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। पार्टी ने इस रैली को बड़ी उम्मीदों के साथ रखा है, क्योंकि यह रैली बिहार में भाजपा के चुनाव प्रचार के शंखनाद के रूप में मानी जा रही है।
पीएम मोदी की रैली से भाजपा को क्या लाभ हो सकता है?
पीएम मोदी की मुजफ्फरपुर रैली को लेकर भाजपा नेताओं का मानना है कि इससे पार्टी को राज्य के कोने-कोने में अपनी बात पहुंचाने में मदद मिलेगी। भाजपा की कोशिश है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी गठबंधन सरकार को घेरते हुए अपने विकास कार्यों को प्रचारित करे। मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने हमेशा देशभर में विकास, सुरक्षा और समृद्धि की बात की है। अब बिहार में भी भाजपा इन मुद्दों को प्रमुख रूप से उठा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी की रैली का असर विशेष रूप से मुस्लिम, यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के वोटर्स पर पड़ सकता है। भाजपा की कोशिश है कि इन वर्गों को यह समझाया जाए कि नीतीश कुमार और लालू यादव के शासन में उनका विकास नहीं हुआ, और भाजपा के नेतृत्व में उनके समाज की तरक्की की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, मोदी बिहार के लोगों को अपने नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में हुए बड़े बदलावों और विकास कार्यों का हवाला भी देंगे, ताकि वोटरों को यह यकीन दिलाया जा सके कि भाजपा उनके लिए बेहतर विकल्प है।
भाजपा की चुनावी रणनीति
भाजपा की चुनावी रणनीति 2025 में नीतीश कुमार के खिलाफ सीधे हमले करने की है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को लेकर लोगों के बीच असंतोष की भावना है, जिसका फायदा भाजपा उठाने की कोशिश करेगी। भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को पूरे राज्य में सक्रिय कर दिया है और वे लोगों के बीच जाकर सरकार की नाकामियों को उजागर करने में जुटे हुए हैं। भाजपा की योजना है कि वह खुद को ‘विकास की पार्टी’ के रूप में प्रस्तुत करे, जबकि विपक्ष को भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी की राजनीति का प्रतीक बताए।
इसके अलावा, भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस बार राज्य के गांवों और छोटे कस्बों पर भी फोकस किया है। गांवों में युवाओं के लिए रोजगार, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए योजनाएं और महिलाओं के लिए विकास कार्यों पर जोर दिया जाएगा।
मुजफ्फरपुर, बिहार के प्रमुख शहरों में से एक है, और यहां का चुनावी माहौल हमेशा दिलचस्प रहता है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में यहां की सीटों पर मुकाबला बेहद कड़ा था। मुजफ्फरपुर में भाजपा और महागठबंधन के बीच हर चुनाव में टक्कर होती रही है। इस बार भी मुजफ्फरपुर को लेकर भाजपा ने अपनी विशेष रणनीति बनाई है। रैली में पीएम मोदी के भाषण में इस क्षेत्र के विकास, रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा होने की संभावना है, ताकि लोगों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि भाजपा सरकार के तहत मुजफ्फरपुर और बिहार का विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
बिहार चुनाव 2025 में भाजपा की स्थिति
बिहार में 2020 विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत की है। हालांकि, राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार के साथ भाजपा का गठबंधन अभी भी जटिल है, लेकिन भाजपा के नेता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि 2025 के चुनाव में उन्हें बड़ी सफलता मिलेगी। भाजपा ने अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए जातिगत समीकरणों के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं के नेटवर्क को भी सक्रिय किया है।
प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे पूरे राज्य में भाजपा की स्थिति मजबूत होगी। राज्य में विकास और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे पर भाजपा को लाभ मिल सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां पर अभी तक महागठबंधन का दबदबा रहा है।
