by: md atik
झारखंड के चाईबासा में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है। इस गंभीर घटना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित अस्पताल के सिविल सर्जन समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
मामला सितंबर 2025 का है जब चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान संक्रमित रक्त दिया गया। जांच में पाया गया कि संक्रमित खून के कारण कम से कम पाँच बच्चे HIV पॉजिटिव हो गए हैं। यह घटना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करती है, जहां रक्त की जांच और सुरक्षा प्रोटोकॉल का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रभावित बच्चों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। हर प्रभावित परिवार को 2-2 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी और संक्रमित बच्चों का इलाज राज्य सरकार की तरफ से ही किया जाएगा। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे सभी ब्लड बैंकों का ऑडिट कराएं और ट्रांसफ्यूजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम लागू करें।
इस भयावह घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड बैंक और अस्पतालों में संक्रमण रहित रक्त आपूर्ति के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि सिस्टम में काफी खामियां हैं। झारखंड में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकना अत्यंत आवश्यक है।
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से घायल परिवारों में रोष व्याप्त है। लोगों ने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं और जांच में सहयोग कर रहे हैं।
सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से यह मामला एक चेतावनी साबित हुआ है कि जहां उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं अपेक्षित हैं, वहां सावधानी और निगरानी की कमी घातक परिणाम ला सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सभी अस्पतालों में नियमित जांच और कड़े प्रोटोकॉल लागू किए जाएं ताकि इस तरह की त्रासदियां न हों।
झारखंड सरकार ने इस घटना को नियंत्रण में लेने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं और सभी अस्पतालों और ब्लड बैंकों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने दोषियों को न्यायसंगत दंड दिलाए जाने का भरोसा दिया है।

इस घटना ने स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार की जरूरत को दोबारा सामने रखा है। साथ ही यह मामला देशभर के स्वास्थ्य संगठनों और सरकारों के लिए भी एक गंभीर सबक है कि वे संक्रमण नियंत्रण और मरीज सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
इस प्रकार, चाईबासा में थैलेसीमिया बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की अपील और जागरूकता का विषय बना हुआ है। सरकार की इस कड़ी कार्रवाई से पीड़ित परिवारों को न्याय और उम्मीद मिली है, लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य सुरक्षा के महत्व को भी पुनः स्पष्ट किया है।
