by md atik
बिहार में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के विकास और सशक्तिकरण के लिए अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं। वर्ष 2006 से मदरसों का निबंधन कर उन्हें सरकारी मान्यता दी गई। इससे मदरसा के शिक्षक सरकारी शिक्षकों के समान वेतन पाने लगे हैं, जो शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। यह कदम मुस्लिम शिक्षा को बढ़ावा देने और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ है।
इसके अतिरिक्त, मुस्लिम परित्यक्ता एवं तलाकशुदा महिलाओं की आर्थिक सहायता राशि को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दिया गया है। यह राशि महिलाओं की सामाजिक स्थिति मजबूत करने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक साबित हो रही है। इस योजना से प्रति वर्ष कई महिलाओं को लाभ मिलता है, जिससे वे स्वरोजगार या अन्य रोजगार के अवसर पा सकें।
शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं। ‘तालीमी मरकज’ नामक योजना के अंतर्गत शिक्षा सेवकों की भर्ती की जा रही है, जिससे शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। इसके साथ ही ‘हुनर’ जैसी योजनाएं शुरू की गईं हैं, जो युवाओं को तकनीकी कौशल प्रदान करती हैं ताकि वे स्वावलंबी बन सकें।
मुस्लिम युवाओं और छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, मुफ्त कोचिंग, छात्रावास और उद्यमी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाए गए हैं। ये योजनाएं न सिर्फ आर्थिक मदद देती हैं, बल्कि युवाओं को अपने करियर और जीवन के सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वर्ष 2025 से 2030 तक बिहार सरकार ने 1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है, जिसमें मुस्लिम युवा भी शामिल हैं।
मुस्लिम समाज की भलाई के लिए बजट में भी भारी वृद्धि की गई है और संवेदनशील कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए व्यापक काम किया जा रहा है, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द और सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।
सीएम नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे सरकार की इन पहलों को समझें और इसी आधार पर अपने मतों का निर्णय करें। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने समुदाय के लिए निरंतर काम किया है और भविष्य में भी शिक्षा, रोजगार, सामाजिक न्याय और सुरक्षा में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
यह सभी सरकारी महत्त्वाकांक्षी योजनाएं और वित्तीय सहायता मुस्लिम समाज में सामाजिक समरसता, शैक्षणिक उन्नति और आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
